
रामनगर।उत्तराखंड राज्य आंदोलन के इतिहास के सबसे दर्दनाक पलों में से एक मंसूरी गोलीकांड की याद आज एक बार फिर ताजा हो गई। 2 सितंबर 1994 को राज्य आंदोलन के दौरान शहादत देने वाले वीर सपूतों को शहीद पार्क लखनपुर में भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी शहीदों के सम्मान में नारेबाजी करते नजर आए और उनके अधूरे सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।

श्रद्धांजलि सभा में मौजूद आंदोलनकारियों ने गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य गठन के 25 साल बाद भी सरकारें आंदोलन की मूल अवधारणा पर खरी नहीं उतरीं। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पलायन, विस्थापन, आपदाएं, भ्रष्टाचार, नशा और जंगली जानवरों की समस्या जैसे मुद्दे आज विकराल रूप धारण कर चुके हैं। वहीं स्थाई राजधानी का सवाल अब भी अनसुलझा है।
आंदोलनकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि हालात नहीं बदले तो जनता को एक बार फिर सड़कों पर उतरना होगा। उन्होंने कहा कि शहीदों के सपनों का उत्तराखंड तभी बनेगा जब लोग जागकर संघर्ष की राह पकड़ेंगे।
इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में प्रभात ध्यानी, इंद्र सिंह मनराल, चंद्रशेखर जोशी, पान सिंह नेगी, शेर सिंह लटवाल, योगेश सती, हरीश भट्ट, गोविंद सिंह बिष्ट, ललित रावत सहित कई आंदोलनकारी मौजूद रहे।
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