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भाजपा से बर्खास्तगी के बाद अपना इमोशन नही रोक पाये हरक सिंह रावत।

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नई दिल्ली – हरक सिंह रावत दिल्ली में हैं और भारतीय जनता पार्टी ने उनको छह साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया है।वहीँ मंत्रिमंडल से भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बर्खास्त कर दिया है। इसके बाद हरक सिंह रावत भावुक हो गए और आंसू छलक पड़े।उन्होंने कहा इतने बड़े फैसले से पहले कुछ नहीं बताया गया।हरक सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी ने इतना बड़ा फैसला लेने से पहले मुझसे एक बार भी बात नहीं की,अगर मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल नहीं होता तो 4 साल पहले बीजेपी से इस्तीफा दे देता।

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हरक सिंह राव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मुझे दिल्‍ली बुलाया था। ट्रैफिक जाम में मैं थोड़ा लेट हो गया। मैं उनसे और गृहमंत्री अमित शाह से मिलना चाहता था। लेकिन जैसे ही मैं दिल्‍ली पहुंचा मैंने सोशल मीडिया में देखा कि उन्‍होंने मुझे भाजपा से बर्खास्‍त कर दिया है।

मुझे मंत्री बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, मैं सिर्फ काम करना चाहता था।हरक सिंह रावत ने कहा कि अब मैं निस्वार्थ होकर कांग्रेस को जिताने का काम करूंगा।हम पिछले पांच साल से नौजवान को रोजगार नहीं दे पाए। उत्तराखंड क्या नेताओं को रोजगार देने के लिए बनाया है। हरक सिंह रावत ने आगे कहा कि मैं अमित शाह से मिलना चाहता था। वो कह रहे हैं मैं दो टिकट मांग रहा हूं, पहले क्या इस तरह से टिकट नहीं दिए गए।मुझे मंत्री पद का कोई लालच नहीं है।आज मेरे माध्यम से उत्तराखंड का भला होने जा रहे है। अपनी गलती को छुपाने के लिए ये किया गया है. मैं इन सब को जानता हूं. वहीँ इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रतिक्रिया आयी है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मंत्री हरक सिंह रावत अपने परिवार के सदस्यों को टिकट दिलाने के लिए पार्टी पर दबाव डाल रहे थे।लेकिन हमारी एक अलग नीति है। हम एक परिवार के केवल एक सदस्य को चुनाव के लिए पार्टी का टिकट दे रहे हैं.