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हरीश रावत के लिए जीतना आसान नही होगा रामनगर का चुनावी रण, रंजीत रावत कर सकते है भारी उलटफेर।

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रामनगर-रामनगर विधानसभा सीट से उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को काँग्रेस पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है।जिसके बाद टिकिट के दूसरे दावेदार रंजीत सिंह रावत की उम्मीदो पर फिर गया।क्या अब रंजीत रावत पार्टी से बगावत कर हरदा के लिए मुश्किले खड़ी कर सकते है।इसके लिए रंजीत रावत रणनीति तैयार करने में जुट गये ।बहुत जल्द ही रंजीत रावत का निर्णय अपने समर्थको एवं जनता से रायशुमारी कर सामने आयेगा।

बता दे की रणजीत रावत वर्तमान में उत्तराखण्ड के काँग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष है।पूर्व में 61 विधान सभा रामनगर सीट से वर्ष 2017 का विधानसभा का चुनाव हारने के बाद पिछले 5 वर्षों से रामनगर विधानसभा में अपनी राजनीति पकड़ को मजबूत करने के लिए काम करते रहे है।ऐसे में 2022 में होने वाले उत्तराखण्ड विधान सभा चुनाव में काँग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को रामनगर से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।जिससे रंजीत रावत की सारी उम्मीदो पर पानी फिर गया है।जिस वजह से रामनगर विधानसभा में काँग्रेस में भारी बगावत की बू आ रही है।

रंजीत रावत इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते है।जो हरदा के जीत के सपने को तोड़ सकता है।अब तक दोनों नेता एक दूसरे के आमने सामने नही आये है।टिकिट की तमाम अटकलों के बाद भी कोई बयान दोनों का एक दूसरे के विरुद्ध नही आया है।तो क्या अब दोनों नेताओं के बीच एक दूसरे के विरुद्ध ज़ुबानी जंग देखने को मिल सकती है?

हरदा को रामनगर से टिकिट मिलने के बाद रंजीत रावत के मोतीपुर स्थित घर पर समर्थको और काँग्रेसी कार्यकर्ताओ का जमावड़ा लगा है।रंजीत रावत सभी से रायशुमारी कर रामनगर सीट के लिहाज से बड़ा फैसला ले सकते है।सम्भावनाये जतायी जा रही है कि निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकते है।

गौरतलब है कि काँग्रेस पार्टी ने अपनी दूसरी लिस्ट जारी की है तीसरी लिस्ट काँग्रेस की जारी होना बाकी है।जिसमे सल्ट विधानसभा से रंजीत रावत को टिकिट दिये जाने की संभावना प्रबल बनी हुई है।सवाल उठता है कि क्या काँग्रेस पार्टी रंजीत रावत को उनकी पुरानी विधानसभा सल्ट से चुनाव लड़ने के लिए मना पायेगी।हालांकि रंजीत रावत के तैबर देख कर लगता नही है कि वह माने।बहरहाल बहुत जल्दी ही रंजीत रावत का निर्णायक फैसला सामने आ जायेंगे की वह बागी बनेंगे या सल्ट से प्रत्याशी।