रामनगर-अपनी जैव विविधता के चलते लंबे समय से विश्व भर के प्रकृतिप्रेमियों की दिलचस्पी की वजह बने “कॉर्बेट नेशनल पार्क” में एक नए आयाम ने अधिकृत रूप से जुड़कर इसकी प्राकृतिक विरासत को और समृद्ध कर दिया है। “बाघों की राजधानी” समझे जाने वाले कॉर्बेट नेशनल पार्क से जुड़ा यह नया आयाम रंग-बिरंगी तितलियों से जुड़ा है।
मनमोहक रंगों के संसार से लबरेज इन तितलियों की पार्क में मौजूदगी लंबे समय से थी, लेकिन बाघ-हाथी व अन्य वन्यजीवों की तरह इन पर कोई शोध न होने के कारण तितलियों का खूबसूरत यह संसार सैलानियों की ओर से अछूता ही रहा। गुजरे कुछ वक्त से तितलियों के चाहने वालों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद कॉर्बेट के आस-पास के इलाकों में तितलियों के क्षेत्र विकसित हुए तो कॉर्बेट पार्क में भी मौजूद तितलियों के संसार ने तितली प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींचा।इसी के चलते कॉर्बेट पार्क में भी अन्य वन्यजीवों की तरह इन पर भी शोध की जरूरत महसूस हुई तो तीन तितली विशेषज्ञों की टीम ने करीब 8 साल तितलियों पर शोध के बाद कॉर्बेट नेशनल पार्क में बारह दर्जन तितलियों की प्रजातियों को चिन्हित करते हुए कॉर्बेट प्रशासन को अपने शोध का आंकड़ा सौंप दिया है। लंबे समय तक चले इस शोध में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 143 प्रजातियों के मौजूद होने का दावा किया गया है। कॉर्बेट पार्क में शोध करने वाली टीम में प्रसिद्ध तितली विशेषज्ञ संजय छिमवाल, राजेश चौधरी और विनेश कुमार शामिल रहे। सालों के शोध के बाद तीनों विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट कॉर्बेट प्रशासन को सौंप दी है। इस बाबत तितली विशेषज्ञ संजय छिमवाल का कहना है कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में तितलियों की मौजूदगी कोई अनोखी बात नहीं है। लेकिन यहां पाई जाने वाली तितलियों की प्रजाति के बारे में किसी के पास कोई निश्चित आंकड़ा नहीं था। जिसके चलते इनकी प्रजातियों के बारे में कई तरह की भ्रांतियां थी। सैंकड़ों प्रकार की तितलियों की प्रजातियों के बारे में सारी बाते कयास तक ही सीमित थीं, जिसके चलते उनकी टीम ने इस विषय पर शोध करने का निर्णय लेते हुए बेहद थकाऊ और लंबे समय तक चलने वाले इस काम को शुरू किया। जिसके नतीजों में कॉर्बेट नेशनल पार्क में 143 प्रजातियों की तितलियों की पुष्टि हुई है। इसको लेकर तीन विशेषज्ञ पिछले 8 साल से लगातार तितलियों के आंकड़ों पर शोध कर रहे थे, जो अब पूरा होने के बाद शोध की रिपोर्ट कॉर्बेट प्रशासन को सौंप दी गयी है।
इस मामले में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि तीनों तितली विशेषज्ञों ने अपनी स्टडी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट का परीक्षण और विश्लेषण किया जा रहा है। जिसके बाद इस रिपोर्ट को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के रिकॉर्ड में अपडेट कर दिया जाएगा।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें
👉 हमारे फ़ेसबुक पेज को लाइक/फॉलो करें