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प्रसिद्ध मंदिर माँ नागणी देवी के दर्शन श्रद्धालु 30 मार्च से कर सकेंगे।

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उत्तरकाशी।जय नागणी माँ: 30 मार्च 2022 को माँ नागणी देवी के दर्शन करने के लिये सभी व्यवस्थो को पूरा कर लिया गया।यहॉं आने वाले श्रद्धालुओं को किसी किस्म की परेशानी न हो उसका खास ध्यान रखा गया है।

बालखिला पर्वत नागणी ठांग समुद्र तल से 8707 फीट की ऊँचाई पर स्थित सिद्ध पीठ स्थल है। धनारी पट्टी के ग्राम चिलमुड गांव, ढुंगाल गांव, बगसारी की कुल देवी मां नागणी देवी का आशीर्वाद सभी पर बना रहता है।। वारुणी यात्रा के समय व नवरात्रि में श्रद्धालु, भक्त अधिक संख्या में इस स्थान पर पहुँचते है।

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चिलमुड गांव निवासी स्व० श्री कुंवर सिंह मटूड़ा जी माँ नागणी देवी के अनन्य भक्त थे, उनके द्वारा वर्ष 1989 में मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया था। वर्तमान में गांव के नवयुवक यहां पर श्रद्धा पूर्वक वारुणी यात्रा में अपने संसाधनों से ,मिलजुलकर, सहयोग से यात्रियों के फलाहार की व्यवस्था करते है। इस स्थान में पानी की कमी है,वर्षा रैन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से पानी को एकत्रित करके टैंकों में जमा किया जाता है। श्रद्धालु अपने साथ पीने का पानी साथ लेकर चलते है।

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उत्तरकाशी से संकुरणाधार तक बस, टैक्सी से पहुचने के उपरांत 5 किलोमीटर का ट्रैक (लंबगांव मोटर मार्ग पर ) है जहाँ से यात्रा प्रारंभ होती है।। हिमालय की बहुत सुंदर हिमाच्छादित पर्वत श्रृंखला यहाँ से दिखाई देती है।। ट्रेक बहुत ही सुंदर है। जंगल मे प्लास्टिक ,कूड़े को इधर उधर न फेंके, अपने साथ वापस लेकर आये।

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रात्रि विश्राम के लिये कुटिया, धर्मशाला भी है।।काफी संख्या में यात्री आते है।। शाशन प्रशासन को ट्रैक निर्माण को सुगम, सुव्यवस्थित, यात्री सुविधाओं को विकसित करना होगा। धार्मिक पर्यटन , एडवेंचर के माध्यम से प्रचार प्रसार की जरूरत है।। आप सभी का हार्दिक स्वागत है।।