अन्य सभी

निगम की चोरी हुई लकड़ी वन विभाग रेंज परिसर से बरामद हुई।

ख़बर शेयर करें

ऊधमसिंह नगर-वन निगम से कटान हुई लकड़ी के चोरी हुए 11 लट्ठे वन विभाग से बरामद हुए है।मुखबिर की सूचना पर सीमान्त क्षेत्र खटीमा में स्थित किलपुरा वन रेंज में वन निगम द्वारा छापेमारी कर बरामद हुए है।वन निगम की छापेमारी के दौरान वन विभाग के कर्मचारी नदारत मिले।चोरी हुई लकड़ी किलपुरा वन रेंज से बरामद होने से वन विभाग के अधिकारी भी अचम्भे में है।

बता दे कि वन विकास निगम द्वारा खटीमा के जंगलो में सागौन व वन्य बेशकीमती लकड़ी का कटान किया जा रहा है। इस दौरान 11 सागौन की लकड़ी के लट्ठे वन निगम से चोरी हो गये।वन विकास निगम टनकपुर के डीएलएम महेश आर्य को मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर अपनी टीम के साथ खटीमा की वन रेंज किलपुरा परिसर पहुँच छापामारा।जहाँ पर चोरी हुए 11 लट्ठे बरामद किये।लट्ठों की मौके पर नाप जोख की जिसके बाद पाया कि यह वही लट्ठे हैं जो चोरी हुए है।वन निगम की छापेमारी से घबराकर किलपुरा वन रेंज के वन कर्मी मौके से नदारद मिले।जबकि वन निगम के डीएलएम महेश आर्य ने इस प्रकरण में मीडिया को बताया कि मुखबिर की सूचना पर उन्होंने किलपुरा वन रेंज के आफिस पर छापा मारा तो उन्हें वन निगम की लौट से चोरी सागौन की लकड़ी के ग्यारह बेशकीमती लट्ठे मिले है। प्राथमिक जांच में ये सागौन के लट्ठे वन निगम की लौट के प्रतीत हो रहे है। वन निगम द्वारा वन विभाग को पत्र लिख इस पूरे प्रकरण में दोषी वन कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करने और वन निगम की लकड़ी वन निगम को सौपने की मांग की जा रही है।

।वन विभाग से लट्ठों की बरामदगी के बाद बड़ा सवाल यह उठता है कि कौन वनकर्मी इन लट्ठों को चुरा कर खटीमा वन रेंज की किलपुरा रेंज परिसर में रख गया इसका जवाब किसी वन अधिकारी के पास नही है।हालांकि मामले की गम्भीरता को देखते हुए पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार द्वारा इस प्रकरण में जांच बैठा दी गई है।वही जांच अधिकारी सितारगंज क्षेत्र के एसडीओ शिवराज चंद को नियुक्त भी किया गया है।गौरतलब है कि पूर्व में भी वन निगम के कटान से चोरी किये गए 26 लट्ठे खटीमा वन रेंज की टीम द्वारा पकड़े गए थे।जिनकी चोरी के खुलासे के बावजूद भी अभी भी कई रहस्यों से पर्दा नहीं उठ पाया है।अब फिर से यह दूसरा मामला प्रकाश में आया है।पहले की तरह भी इस मामले में भी लीपा पोती होगी या चोरी किसने की यह रहस्य खुल पायेगा यह अपने आप मे सवाल बना हुआ है।हालांकि डीएफओ संदीप कुमार इस मामले को लेकर गम्भीर दिख रहे है।