उत्तराखंडदेहरादून

38वें राष्ट्रीय खेलों की मशाल ‘तेजस्विनी’: खिलाड़ियों की खेल भावना और जोश का प्रतीक

ख़बर शेयर करें


देहरादून: 15 दिसम्बर को देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेल, उत्तराखंड की आधिकारिक मशाल ‘तेजस्विनी’ का अनावरण किया गया। यह मशाल खिलाड़ियों की खेल भावना और उनके जोश का प्रतीक है। मशाल का डिज़ाइन उत्तराखंड के देवदार के वृक्षों से प्रेरित है, जो प्रत्येक खिलाड़ी को ऊंचाई पर पहुंचने की प्रेरणा देता है।

यह भी पढ़ें 👉  केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के 12वें दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में किया प्रतिभाग।

इसके शीश पर विराजमान है उत्तराखंड का पवित्र पुष्प ब्रह्मकमल, जो खिलाड़ियों के प्रबल उत्साह का प्रतीक है। इसे और भी विशेष बनाता है मशाल के भीतर बहता पवित्र गंगा जल, जो पर्वतों के बीच प्रवाहित होती हुई उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिकता को दर्शाता है।  

यह भी पढ़ें 👉  धामी सरकार को पेंशन देनी है तो इज्जत से दो वरना भीख मंगिया पेंशन नहीं चाहिए–राज्य आंदोलनकारी धीरेन्द्र प्रताप।

तेजस्विनी अपने आप में एक मिसाल है, जो न केवल खिलाड़ियों के समर्पण और कड़ी मेहनत की गाथा गाती है, बल्कि उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को भी उजागर करती है। यह मशाल खेलों की भावना, एकता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश देती है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रधान महासचिव ने राज्य सरकार पर साधा निशाना,अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्यायालय द्वारा दिया गया फैसला तब तक अधूरा जब तक साक्ष्य मिटाने वाली और वीवीआईपी एवं विधायक को बचाने वाली भाजपा सरकार को जनता सत्ता से बेदखल नहीं कर देती।

हम आशा करते हैं कि तेजस्विनी अपना तेज पूरे विश्व में फैलाए और खिलाड़ियों को निरंतर नए शिखरों पर पहुँचने के लिए प्रेरित करे।