
चमोली। उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में भालू के हमले बढ़ते ही जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल कायम है। भालू अब केवल जंगलों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि धीरे-धीरे गांव और बाजार के आसपास भी दिखाई देने लगे हैं।
ताजा मामला चमोली जनपद के पोखरी विकासखंड के पाव गांव का है। बुधवार को चारापत्ती लेने जंगल गई राजेश्वरी देवी (50) पत्नी अनिल कुमार लापता हो गईं। परिजनों ने दोपहर तक उनके घर न लौटने पर तलाश शुरू की और थाना पोखरी एवं वन विभाग को सूचना दी।
रेस्क्यू टीम, पुलिस और ग्रामीणों की संयुक्त तलाश के बावजूद जंगल में केवल खून के धब्बे और फटे हुए कपड़े ही मिले। अंधेरा बढ़ने के कारण रेस्क्यू टीम को देर रात वापस लौटना पड़ा।
बृहस्पतिवार सुबह फिर से खोज में निकली टीम को महिला की चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। घायल महिला एक चट्टान पर बैठी दर्द और डर से चिल्ला रही थी। पुलिस, वन विभाग और ग्रामीणों ने मिलकर उसे स्टेचर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पोखरी पहुँचाया। प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए महिला को एयरलिफ्ट के जरिए एम्स भेजा गया।
पोखरी थाना के थानाध्यक्ष देवेंद्र पंत ने बताया कि घायल महिला की हालत गंभीर है और मामले की जांच जारी है।
वन विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में भालू उच्च हिमालयी क्षेत्रों से मध्य हिमालयी क्षेत्रों की ओर आते हैं और अक्सर गांवों के आसपास डेरा डाल लेते हैं। इससे चारापत्ती और जंगल में काम करने वाले लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है। ग्रामीण अब वन विभाग से भालू के आतंक से निजात दिलाने की मांग कर रहे हैं।
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