उत्तरकाशीउत्तराखंडगढ़वाल

काशी विश्वनाथ मंदिर की शिवरात्रि पर्व पर विशेष पूजा करने से होती है सभी मनोकामना पूरी।

ख़बर शेयर करें

सुभाष बडोनी,उत्तरकाशी

उत्तरकाशी:बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी उत्तरकाशी में आगामी 1 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व की तैयारी शुरू हो चुकी हैं। उत्तरकाशी जनपद में महाशिवरात्रि का अपना विशेष महत्व है। हर वर्ष की भांति इस बार भी विश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की संध्या पर विशाल जागरण कार्यक्रम का आयोजन होगा। शिव बारात भी आकर्षण की केंद्र रहेगी।


बाबा विश्वनाथ के पुजारी अजय पुरी ने बताया की मान्यता है कि कलयुग से भगवान शिव साक्षात स्वरूप में उत्तर की काशी में निवास कर रहे हैं। इसलिए यहां पर जो भी श्रद्धालु बाबा काशी विश्वनाथ की महाशिवरात्रि के चारों पहर का जलाभिषेक और भस्म लगाकर पूजा और ध्यान करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने स्वयं कहा था कि जब कलयुग में पाप बढ़ेगा, तो वह अपना स्थान अस्सी-वरुणा नदी के मध्य वरुणावत पर्वत की तलहटी में उत्तरकाशी की काशी में निवास करेंगे।

यह भी पढ़ें 👉  1094 कनिष्ठ अभियन्ताओं को प्रदान किये गये नियुक्ति पत्र ।

बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी के महंत अजय पुरी ने बताया कि आगामी 1 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व की तैयारी चरणबद्ध तरीके से जारी है। महाशिवरात्रि के अवसर पर चार पहर की विशेष पूजा अर्चना के साथ जलाभिषेक किया जाएगा। साथ ही इस दिन जो भी नवविवाहित जोड़ा भगवान काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक और रात्रि जप करता है,उनकी मन्नत अवश्य पूरी होती है। इसके साथ ही कोरोनाकाल के कारण एक वर्ष के अंतराल के बाद इस बार शिवरात्रि धूमधाम से मनाई जाएगी।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड के चार गांवों को मिलेगा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार

शिव बारात में शिव-पार्वती की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी। वे बताते हैं कि फाल्गुन माह की शिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने विष ग्रहण किया था, इसलिए इस दिन भगवान शिवलिंग का जलाभिषेक करने से भगवान भोले प्रसन्न होते हैं।