रामनगर।ग्राम पूछड़ी,कालू सिद्ध में वन विभाग द्वारा ग्रामीणों की बेदखली के नोटिस देने से आक्रोशित ग्रामीणों एवं सामाजिक राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने रामनगर वन परिसर के समक्ष धरना दिया तथा रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से 21, 22, 23 अगस्त को गैरसैंण विधानसभा क्षेत्र के दौरान पूछड़ी में घरों को तोड़ने पर रोक लगाने की मांग को विधानसभा में उठाने की मांग की।इस दौरान ग्रामीणों ने वनाधिकारी तराई पश्चिमी कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया।
धरना स्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पूछड़ी के ग्रामीण अतिक्रमणकारी नहीं है बल्कि इसी देश के नागरिक हैं । उनके वोटर लिस्ट में नाम है तथा उनके पास आधार कार्ड व राशन कार्ड हैं । सरकार ने उन्हें बिजली के कनेक्शन भी दिये हुए हैं। वक्ताओं ने कहा कि हमारा 4 दिवसीय धरना देहरादून में बैठी गूंगीबहरी भाजपा सरकार को अपनी आवाज सुनाने के लिए है। उत्तराखंड में केवल ग्राम पूछड़ी में ही वन भूमि पर लोग नहीं बसे हैं बल्कि उत्तराखंड में 5 लाख से भी अधिक आबादी वन भूमि पर निवास कर रही है अतः पूछड़ी गांव को बचाने का संघर्ष उन सभी लोगों का संघर्ष है जिन्हें आजादी के 77 वर्ष बाद भी जमीनों पर मालिकाना हक प्राप्त नहीं हुआ है।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार हिंदू-मुस्लिम के नाम पर जनता में फूट डालकर सभी वन ग्रामों को उजाड़ने की साज़िश कर रही है जिसे यहीं पर रोकना जरूरी है। यदि सरकार पूछड़ी को तोड़ देगी तो आने वाले समय में उत्तराखंड से लाखों-लाख लोगों को सरकार ऐसे ही उजाड़ देगी।
धरने में सर्वसम्मति से अगले 3 दिन 21,22,23 अगस्त को वन परिसर के समक्ष धरना जारी रखने व 29 अगस्त को भाजपा के बुल्डोजर राज के खिलाफ वनग्राम पूछड़ी में महापंचायत करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
सभा को भाकपा माले नेता कैलाश पांडे, उपपा नेता प्रभात ध्यानी, महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी, इंकलाबी मजदूर केन्द्र के रोहित रुहेला, वन ग्राम विकास संघर्ष समिति के एस लाल, चन्दन राम, पूर्व ब्लाक प्रमुख संजय नेगी,अ. भा. किसान महासभा के आनन्द नेगी, आइसा के सुमित, मधु चौधरी, रेनू आदि ने संबोधित किया।सभा का संचालन समाजवादी लोकमंच के मुनीष कुमार ने किया।
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