रामनगर।पूछड़ी समेत सभी वन ग्रामों को उजाड़ने से बचाने के लिए वन परिसर के समक्ष धरने पर बैठे ग्रामीणों ने उत्तराखंड के जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा को उनकी पुण्यतिथि 22अगस्त पर दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी तथा रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट व नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से पूछड़ी समेत सभी वन ग्रामों को तोड़ने पर रोक लगाने की मांग को विधानसभा के गैरसैंण सत्र में उठाने की मांग की।
धरना स्थल पर वक्ताओं ने कहा कि धामी सरकार ने गैरसैंण विधानसभा सत्र में वन, सिंचाई, राजस्व, नजूल भूमि पर बसे लोगों के नियमितीकरण और पुनर्वास का विधेयक लाने की जगह विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने का बिल लाकर जनता के साथ छल किया है। इस विधेयक से विधायकों को प्रतिमाह रेल यात्रा के लिए 40 हजार, डीजल पेट्रोल के लिए 30 हजार और विदेशों में भी कैशलैस इलाज की सुविधा मिलेगी और जनता को बुल्डोजर से उजाड़ा जाएगा।
वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड की जनता की निगाहें 3 दिवसीय गैरसैंण विधानसभा सत्र की ओर हैं। भाजपा सरकार के जन विरोधी निर्णयों के कारण देश व प्रदेश की जनता में असंतोष बढ़ रहा है। विगत जनवरी में तेरी झोपड़ी के भाग्य आज खुल जाएंगे, राम आएंगे का गाना गाने वाली भाजपा सरकार आज झोपड़ियां को ही तोड़ रही है।
वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार सभी वन ग्रामों को उजाड़ने की तैयारी कर चुकी है। पिछले साल सभी को एक साथ घर हटाने के नोटिस दिए जाने के कारण समूचा उत्तराखंड सरकार के खिलाफ खड़ा हो गया था इस कारण इस बार सरकार जनता में जाति, धर्म व नया पुराना के आधार पर फूट डालकर बारी-बारी से नोटिस दे रही है। यदि एकजुट होकर हमनें सरकार के इस जनता को उजाड़ने के अभियान को चुनौती नहीं दी तो सरकार एक-एक करके सभी को उजाड़ देगी।
सभा को ग्राम प्रधान रमेश आर्य, महिला एकता मंच की रेनू, उपपा नेता प्रभात ध्यानी, आइसा के सुमित, समाजवादी लोकमंच के मुनीष कुमार, इंकलाबी मजदूर केन्द्र के रोहित रुहेला, वन ग्राम विकास संघर्ष समिति के एस लाल आदि ने संबोधित किया।
भूवन आर्य, कौशल्या चुनियाल, सरस्वती जोशी, सीमा तिवारी, कमल वर्मा ने गिर्दा के जन गीतों को प्रस्तुत कर जनता में उत्साह का संचार किया।
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