उत्तराखंडकुमाऊंनैनीताल

महिला एकता मंच के बैनर तले महिला सुरक्षा व अन्य मांगों को लेकर महिलाओ ने निकाला जुलूस ।

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रामनगर।महिला एकता मंच द्वारा महिलाओ पर हो रहे अपराध,शोषण,अश्लील फिल्मों पर रोक व आर्थिक बराबरी दिए जाने और अन्य मांगों को लेकर आज रविवार को निर्धारित जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया,जिसमे महिलाओ ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।जुलूस लखनपुर चौक प्रारम्भ होकर पुरानी तहसील पर प्रदर्शन करते हुए समापन हुआ।

महिलाओं के अश्लील चित्रण व  (पोर्न) फिल्मों पर सख्ती से रोक लगाई जाने, महिलाओं को वास्तविक रूप में सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक बराबरी दिए जाने व  लैंगिक समानता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए व सुरक्षा बलों, प्रशासन, न्यायपालिका व समाज को महिलाओं के प्रति संवेदनशील बनाया जाने की मांगों को लेकर रामनगर की सड़कों पर महिलाओं का हुजूम उमड़ पड़ा। महिला एकता मंच के बैनर तले महिलाओं ने लखनपुर चौक पर धरना प्रदर्शन कर पुरानी तहसील तक जुलूस निकाला।

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लखनपुर चौक पर सभा को संबोधित करते हुए दिल्ली निवासी सीमा सैनी ने कहा कि आज हम महिलाएं देश में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। 2012 में महिलाओं के साथ अपराधों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए गए परन्तु इससे अपराध कम नहीं हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों को भी हिंदू मुसलमान बना दिया है। भाजपा नेताओं के अपराधों में नाम आने पर उन्हें बचाने लगते हैं परंतु अपराधी यदि अल्पसंख्यक है तो भाजपा और उसके अनुषंगी संगठन इसे  साम्प्रदायिक रंग देने लग जाते हैं। 

ऊषा पटवाल ने कहा कि पितृसत्ता ने महिलाओं को पैदा होने के साथ पिता और भाई के आधीन तथा विवाह होने पर पति और वृद्ध होने पर पुत्र के अधीन बनाकर रख दिया है। पारिवारिक संपत्ति में भी महिलाओं को बराबरी का अधिकार नहीं दिया जाता है। कार्य स्थलों पर भी महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कम वेतन और कम सुविधाएं दी जाती है।

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महिला एकता मंच की संयोजक ललिता रावत ने संचालन करते हुए कहा कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका में भी महिलाओं के प्रति भेदभाव पूर्ण दृष्टिकोण मौजूद है। पिछले दिनों कर्नाटक हाई कोर्ट के जज ने महिला वकील से अभद्र टिप्पणी करते हुए कहा कि आप तो विपक्षी के अंडरगारमेंट्स का कलर भी जानती होंगी। उन्होंने कहा कि बलात्कार के 72 प्रतिशत आरोपी न्यायालय द्वारा छोड़ दिए जाते हैं। देश में हर तीसरी महिला घरेलू हिंसा का शिकार है। अब अपनी सुरक्षा के लिए हम महिलाओं को स्वयं ही आगे आने की जरूरत है।देश के हर गांव, गली, शहर में महिलाओं को जगाने की जरूरत है।

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सभा को पुष्पा चन्दोला, पारुल शर्मा, भगवती, माया नेगी, मंजू, महक, रेनू, विनीता, समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती,जगमोहन रावत आदि ने संबोधित किया।

कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारी सुमित्रा बिष्ट, गुड्डी देवी, विमला देवी,शाहिस्ता, दुर्गा, सीमा, नीमा, शांति, गीता, कौशल्या, सरस्वती जोशी ,मधू देवी, महिला मंगल दल की अध्यक्ष पुष्पा आर्य,मनमोहन अग्रवाल केसर राणा ,मदन मेहता, किशन शर्मा, सूरज सिंह के साथ सैकड़ों महिलाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।